भारत सरकार ने राशन कार्ड प्रणाली में कई अहम सुधार किए हैं, जो देश के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होंगे। इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य सरकारी सुविधाओं को वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाना और पोषण स्तर में सुधार करना है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।
राशन की दुकानों पर अब अधिक वस्तुएं उपलब्ध
पहले राशन की दुकानों पर केवल गेहूं, चावल और चीनी जैसी सीमित वस्तुएं उपलब्ध थीं। लेकिन अब सरकार ने नमक, सरसों का तेल, सोयाबीन और विभिन्न प्रकार के मसालों को भी सूची में शामिल कर दिया है।
इससे लाभार्थियों, खासकर बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार होगा। इस कदम का उद्देश्य केवल खाद्य सुरक्षा नहीं, बल्कि लोगों के संपूर्ण पोषण पर ध्यान देना है।
ई-केवाईसी अब अनिवार्य
सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) को अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला फर्जी राशन कार्डों को खत्म करने और जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने के लिए लिया गया है।
सभी राशन कार्ड धारकों को 30 दिसंबर तक अपना ई-केवाईसी पूरा करना होगा। जो लोग इस प्रक्रिया को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें राशन वितरण से वंचित किया जा सकता है। ई-केवाईसी से यह सुनिश्चित होगा कि केवल पात्र लोग ही इस योजना का लाभ उठा सकें।
अपात्र लाभार्थियों पर सख्ती
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में लगभग 90 लाख से अधिक अपात्र लोग राशन का लाभ ले रहे हैं। इनमें कई आयकर दाता भी शामिल हैं। नई व्यवस्था के तहत, ऐसे अपात्र राशन कार्डों की पहचान कर उन्हें रद्द किया जाएगा।
नवंबर 2024 से इन व्यक्तियों को मुफ्त राशन की सुविधा नहीं दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी सहायता केवल जरूरतमंदों तक पहुंचे और फर्जीवाड़े पर रोक लगे।
मुफ्त राशन योजना 2028 तक बढ़ाई गई
गरीब परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से सरकार ने मुफ्त राशन योजना को 2028 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला कमजोर वर्गों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
पात्र लाभार्थियों को अगले चार वर्षों तक बिना किसी कीमत के राशन मिलता रहेगा। यह कदम उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए सरकार की मदद पर निर्भर हैं।
समय सीमा में ई-केवाईसी पूरा करें
सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा के अंदर अपना ई-केवाईसी पूरा करें। ई-केवाईसी की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरा किया जा सकता है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि राशन सुविधा में कोई बाधा न आए, लाभार्थियों को यह कार्य जल्द से जल्द करना चाहिए। ई-केवाईसी न करवाने वाले कार्ड धारकों को राशन की सुविधा से वंचित होना पड़ सकता है।
पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर रोक
नई प्रणाली का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। डिजिटल प्रणाली के माध्यम से राशन वितरण की निगरानी अधिक कुशल बनेगी।
राशन की दुकानों पर खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता और वितरण की सही जानकारी अब सीधे निगरानी तंत्र तक पहुंचेगी। इससे गड़बड़ियों पर रोक लगेगी और असली लाभार्थियों को समय पर उनका हक मिलेगा।
गरीबों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
सरकार की यह पहल समाज के कमजोर वर्गों के स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राशन में अधिक पोषक वस्तुओं को शामिल करने से लाभार्थियों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं, को बड़ा लाभ मिलेगा।
इसके साथ ही, योजना की अवधि बढ़ाने से लाखों गरीब परिवारों को लंबे समय तक खाद्य सुरक्षा का आश्वासन मिलेगा।
राशन कार्ड प्रणाली में किए गए ये सुधार गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक बड़ी राहत हैं। ई-केवाईसी को अनिवार्य करना, राशन की वस्तुओं की संख्या बढ़ाना, और अपात्र लाभार्थियों पर सख्ती जैसे कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाएंगे, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ असली जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
मुफ्त राशन योजना को 2028 तक बढ़ाने का निर्णय उन परिवारों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिनके पास स्थिर आय के साधन नहीं हैं। यह पहल समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
सरकार की यह योजना गरीबों की मदद और देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी